वडोदरा। वड़ोदरा के निकट तीर्थस्थल करनाली के रेवा आश्रम में भावुक दृश्य देखने को मिला। बुजुर्ग मां की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए परिवार की तीन पीढ़ी के सदस्य कारोबार और रोजगार छोड़कर नर्मदा परिक्रमा करने के लिए निकल पड़े हैं।
मध्य प्रदेश के हरदा जिले के कमताड़ा शहर में रहने वाले सेन परिवार के 2 साल से लेकर 90 साल तक के 13 सदस्य एक वाहन से नर्मदा की परिक्रमा कर करनाली पहुंचे हुए हैं। परिवार के मुखिया कैलाशचंद्र सेन ने बताया कि परिवार में 90 साल की मां लक्ष्मीबाई, मेरी पत्नी, मेरे दो विवाहित बेटे, सुरेंद्र और जितेंद्र, उनकी पत्नियां और पांच बच्चे हैं। हम ब्यूटी पार्लर, दुकान और खेती करके जीवन यापन करते हैं। कुछ समय पहले मेरी मां बहुत बीमार थी, तब उन्होंने इच्छा व्यक्त की थी कि उनका अंतिम संस्कार नर्मदा के तट पर किया जाए। नर्मदा मैया की कृपा से मेरी मां अब बिल्कुल स्वस्थ हैं और रोजाना सुबह चार बजे उठकर हमारे साथ पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन करती हैं हमें यहां अपने गांव लौटने में दो महीने का समय लगेगा। हम रोज रात को दो घंटे परिवार के साथ मिलकर भोजन और भजन एक साथ करते हैं। मैंने अपने दोनों बेटों से बातचीत करके मां की इच्छा पूरी करने के लिए नर्मदा की परिक्रमा करने का फैसला किया है। बच्चों को भी स्कूल से छुट्टी मिल गई है।
रेवा आश्रम के संचालक रजनीभाई पंड्या ने कहा कि हमाने यहां अनेक परिक्रमावासी आते हैं, पर इस परिवार की मातृभक्ति देखकर हम भी भावुक हो गए हैं। इससे साबित होता है कि अभी भी देश में परिवार की भावना जीवित है।