गांधीनगर। बोर्ड की परीक्षा में छात्रों के लिए एक-एक अंक महत्वपूर्ण है। गुजरात बोर्ड की परीक्षा में गणित शिक्षकों द्वारा अंकों की गलत गणना की गई। जिसके चलते शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से जुर्माना वसूला है। दसवीं की परीक्षा में एक छात्र को गणित में उम्मीद से भी कम अंक मिले और वह फेल हो गया। इसके बाद उसने फिर से कॉपी जांचने के लिए आवेदन किया, जिसमें उसके 30 अंक बढ़ गए। कई छात्रों द्वारा बोर्ड से शिकायत करने के बाद शिक्षा विभाग ने अंकों की गणना में गलती करने और गलत अंक देने के लिए 4,488 शिक्षकों पर जुर्माना लगाया है। गलती करने वाले शिक्षकों में 100 से अधिक शिक्षक थे, जिन्होंने 10 या अधिक अंकों की गलतियां की थीं और उनमें से अधिकांश गणित के शिक्षक थे।
गुजरात शिक्षा बोर्ड (GSEB) ने बड़ी कार्रवाई की है। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में गलत अंक देने पर बोर्ड ने कुल 4,488 शिक्षकों पर जुर्माना लगाया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन गलतियों के कारण 4,488 शिक्षकों को 64 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। चिंता का विषय यह है कि गलती करने वाले शिक्षक खुद गणित पढ़ाते हैं। दोषी शिक्षकों में 100 से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने 10 या उससे अधिक अंकों की गलतियां की हैं।
जीएसईबी के उपाध्यक्ष दिनेश पटेल ने बताया कि जुर्माना यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है कि शिक्षक गणना प्रक्रिया में सतर्क रहें। इस साल गुजरात में लगभग 40,000 से 45,000 शिक्षक दसवीं की उत्तर पुस्तिकाओं की ग्रेडिंग में शामिल थे।
हायर सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत पटेल ने कहा कि 30 अंकों की यह गलती गणित के शिक्षक की वजह से हुई, जो एक भी अंक ज्यादा नहीं देते। यह गड़बड़ी तब पकड़ी गई जब छात्र विषय में फेल हो गया और पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया। एक अंक की गलती पर शिक्षकों पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दसवीं कक्षा के पेपर चेकर के रूप में काम करने वाले कुल 1,654 शिक्षकों पर गलतियों के लिए सामूहिक रूप से 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 12वीं कक्षा के सामान्य स्ट्रीम के पेपर चेक करने में गलती करने वाले 1,404 शिक्षकों से 24.31 लाख रुपये और 12वीं कक्षा के विज्ञान स्ट्रीम के विज्ञान विषय में गलती करने वाले 1,430 शिक्षकों से 19.66 लाख रुपये वसूले गए। शिक्षकों पर जुर्माना लगाने के बाद गणित और विज्ञान के पेपर में अपने अंकों का पुनर्मूल्यांकन करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है।