वलसाड। श्रावण की पूर्णिमा को वलसाड में नारियली पूनम के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान मछुआरे समुद्र और नाव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। 19 अगस्त, सोमवार को श्रावण पूर्णिमा पर वलसाड में मछुआरों ने समुद्र और नाव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके मछली पकड़ने की नई सीजन की शुरुआत की। जून में संभवित मानसून और तूफान आने की वजह से मछुआरे मछली पकड़ने का काम बंद कर देते हैं और नाव लेकर समुद्र बाहर चले जाते हैं। नावों को दो महीने तक समुद्र के किनारे लंगर लगाकर रखते हैं। इस दौरान नावों की मरम्मत या नई नाव बनाने का काम करते हैं। प्रशासन की ओर से भी मछुआरों को इस समयावधि में समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है। अगस्त में मछली पकड़ने की नई सीजन शुरु होती है। मछुआरे समुद्र देवता और नाव की पूजा-अर्चना करने के बाद धीरे-धीरे समुद्र में नाव लेकर जाने लगते हैं। समुद्र के किनारे बसे मछुआरों के जीवन यापन का यही मुख्य साधन है। समुद्र से मछली पकड़कर उसे बाजार में बेचते हैं।
नारियली पूनम पर मछुआरों ने समुद्र और नाव की पूजा करके मछली पकड़ने की नई सीजन की शुरुआत की
RELATED ARTICLES