वडोदरा। हरणी के तालाब में नाव डूबने की घटना के बाद तीर्थस्थल चांदोद और करनाली में नर्मदा में चलने वाली नावों को बंद कर दिया गया है। इससे 200 परिवारों की रोजी-रोटी छिनने का खतरा मंडराने लगा है।
जिला प्रशासन ने चांदोद और करनाली के पास नर्मदा में चलने वाली नावों को बंद करवा दिया है। नाविकों का कहना है कि हरणी बोटकांड के बाद हमने नावों में लाइफ सेविंग जैकेट समेत अनेक साधनों की पर्याप्त व्यवस्था की है। हम प्रशासन की सभी शर्तें मानने को तैयार हैं। नाविक लाइसेंस के लिए भरुच कस्टम विभाग आैर वडोदरा के मत्स्य विभाग में चक्कर लगा रहे हैं। पिछले 13 साल से नर्मदा में नाव चलाने का लाइसेंस नहीं मिल रहा है।
वहीं, दूसरी ओर तीर्थस्थल पर नाव न होने के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है। चांदोद और करनाली में वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग हो रही है।
हालांकि चांदोद और करनाली में अस्थि विसर्जन या धार्मिक कार्यक्रम में अाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए नाव में 5-6 लोगों बिठाकर ले जाने की छूट दी गई है। नाविक पहले जहां नावों में 30 से 40 लोगों को बिठाते थे, वहीं अब 5-6 लोगों को लेकर जा रहे हैं। कम प्रतिव्यक्ति 20 से 30 रुपए लेते थे, अब 100 वसूल रहे हैं।