इनसाइड स्टोरी(डीटी)।
पिछले महीने की 27 तारीख को कतारगाम में 8 करोड़ रुपए की सनसनीखेज लूट हुई थी। हीरा तराशने की लेसर मशीन और दिव्यांगों के लिए सामान बनाने वाली सचिन की सहजानंद टेक्नाेलॉजी के कैश कलेक्शन मैनेजर ने 5 करोड़ रुपए शेयर बाजार में डुबो दिए। हिसाब न देना पड़े, इसलिए लूटपाट की ऐसी साजिश रची कि पुलिस को गुत्थी सुलझाने में पूरे बारह दिन लग गए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कड़ी से कड़ी मिलाते हुए मुख्य साजिशकर्ता समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
वाकया कुछ इस प्रकार है: सहजानंद टेक्नोलॉजी कंपनी का कैश काउंटर मैनेजर नरेन्द्र नानु दुधात ईको कार में ड्राइवर मनहर और कंपनी के दो कर्मचारियों सोपान पाटिल, प्रेमजी के साथ कतारगाम में आश्रम पास सेफ डिपोजिट वॉल्ट से 8 करोड़ रुपए निकालकर महिधरपुरा सेफ में शिफ्ट करने जा रहा था। कुछ दूर जाने पर एक व्यक्ति ने कार को रोका और खुद को आयकर अधिकारी बताते हुए पिस्तौल दिखाकर अंदर घुस गया। कुछ दूर जाने के बाद सभी को नीचे उतार दिया और कार लेकर फरार हो गया। दिनदहाड़े लूटपाट की घटना से पुलिस भी हरकत में आ गई। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कड़ी से कड़ी मिलाते हुए आरोपियों तक पहुंची।
पुलिस ने बताया कि लूटपाट का मुख्य साजिशकर्ता कंपनी का कैश काउंटर मैनेजर नरेंद्र दुधात है। वह पिछले 22 साल से कंपनी में काम करता है। कंपनी के 5 करोड़ रुपए शेयर बाजार में डुबो दिया। हिसाब न देना पड़े इसलिए 8 करोड़ के लूटपाट की योजना बनाई।
नरेंद्र ने दोस्त कल्पेश कसवाला और रोहित ठुम्मर की मदद से वारदात को अंजाम दिया था। रोहित ठुम्मर नकली आयकर अधिकारी बनकर लूटपाट करने में मदद की थी। क्राइम ब्रांच की टीम ने सबसे पहले रोहित को गिरफ्तार किया। सख्ती से पूछताछ करने पर नरेंद्र दुधात का भांडा फूट गया। पुलिस ने नरेंद्र नानु दुधात(उम्र-41, निवासी- लक्ष्मी नारायण नगर, अश्विनी कुमार रोड, मूल-अमरेली), कल्पेश पोपट कसवाला(43,रुद्राक्ष रेसिडेंसी, मोटा वराछा)और रोहित ठुम्मर(38, कैलाश रो-हाउस, वेलंजा) को गिरफ्तार किया है।
ऐसे बनाई थी योजना, बैग में रद्दी कागज भरे थे
योजना के अनुसार रोहित ठुम्मर सभी को नीचे उतारने के बाद कार लेकर अोलपाड़ की ओर चला गया और बैग में भरे रद्दी कागज को नहर में फेंक दिया। इसके बाद कार वहीं छोड़कर फरार हो गया।
पुलिस को पहले से ही पूरी घटना पर शक था
पुलिस को लूटपाट की इस वारदात पर पहले से ही शक होने लगा था। पुलिस ने आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने के बाद कड़ी से कड़ी मिलाना शुरू किया। इसके बाद धीरे-धीरे गुत्थी सुलझने लगी।
कार ड्राइवर और कंपनी के दोनाें कर्मचारियों को भनक तक नहीं लगी
नरेन्द्र दुधात ने रुपए का लालच देकर दोस्त कल्पेश की मदद ली। कल्पेश ने अपने दोस्त रोहित से बातचीत करके उसे नकली आयकर अधिकारी बनाया। नकली अधिकारी बनने के लिए रोहित को 5 लाख रुपए दिए गए थे। कतारगाम सेफ डिपोजिट वॉल्ट से रुपए निकालते समय नरेंद्र ने कंपनी के दोनों कर्मचारियों सोपान और प्रेमजी को बाहर ही खड़ा कर दिया था। इसके बाद थैला लेकर अंदर गया और उसमें रद्दी कागज भरकर ले गया। दोनों कर्मचारी थैला उठाकर कार में ले गए। ड्राइवर और दोनों कर्मचारियों को साजिश की भनक तक नहीं लगी।