देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में तहसीलदार का फर्जी अर्दली पकड़ा गया है। दस हजार रुपए घूस मांगने के चक्कर में उसका भांडा फूट गया और डीएम ने उसे जेल भेज दिया। वायका पिछले मंगलवार है। बरहज तहसील में समाधान दिवस का आयोजन किया गया था। डीएम अखंड प्रताप सिंह और पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा लोगों की शिकायतें सुन रहे थे। इसी बीच रामायण प्रसाद ने कहा कि वह कई बार शिकायत कर चुके हैं, पर अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। तहसीलदार का अर्दली 10 हजार रुपए घूस मांग रहा है। इतना सुनते ही डीएम गुस्से में आ गए और तुरंत अर्दली को बुलाया। डीएम ने उससे पूछताछ शुरू की- तुम्हारी नियुक्ति कब हुई, किसने की? इतना सुनते ही वह बौखला गया और बोला- साहब! मैं अर्दली नहीं, प्राइवेट व्यक्ति हूं। डीएम ने उसे तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया। गिरफ्तारी अर्दली का नाम राजेश कुमार है।
बात यहीं नहीं थमी, डीएम अखंड प्रताप सिंह ने एसडीएम अवधेश निगम और तहसीलदार अरुण कुमार से कहा कि प्राइवेट व्यक्ति अर्दली बनकर सरकारी महकमें कैसे आया। डीएम ने दोनों से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
बता दें, राजेश कुमार पिछले 18 साल से तहसीलदार का अर्दली बनकर काम कर रहा था। वह 2008 तक संविदाकर्मी के रूप में तैनात था। उसकी संविदा खत्म हो गई, इसके बाद भी काम करता रहा। वह हर महीने बाकायदा वेतन भी ले रहा था।