नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बाॅन्ड योजना को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता काे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए इसे अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने का एकमात्र तरीका नहीं है। चुनावी बॉन्ड योजना सूचना के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजारी का उल्लंघन है। अदालत ने बैंकों को चुनावी बॉन्ड की बिक्री बंद करने का निर्देश दिया है।
भारतीय स्टेट बैंक को खास निर्देश
सुप्रीम कोर्ट भारतीय स्टेट बैंक को निर्देश दिया है कि 5 साल पहले चुनावी बॉन्ड योजना शुरू होने के बाद अब तक किस पार्टी को कितने बॉन्ड जारी किए गए, इसकी जानकारी उपलब्ध कराए। एसबीआई 31 मार्च तक पूरा विवरण चुनाव आयोग को प्रस्तुत करे। शीर्ष ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह 13 अप्रैल तक वेबसाइट पर अपलोड करे।
पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनाया फैसला
सीजेआई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया है। संविधान पीठ ने पिछले साल 2 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट में कुल चार याचिकाएं दायर की गई थी। कांग्रेस नेता जया ठाकुर, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने इसकी वैधना पर सवाल खड़े किए थे।