अहमदाबाद। कोरोना के बाद दांपत्य जीवन में कलह के मामले तेजी से बढ़े हैं। साल 2023 में फैमिली कोर्ट में दांपत्य जीवन में कलह के 27,194 केस दर्ज हुए। पिछले दो सालों में ही शादीशुदा जिंदगी में झगड़े के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
गुजरात की 39 फैमिली कोर्ट में साल 2021 में 18,508 केस दर्ज हुए थे। रोजाना केस दर्ज होने का औसतन आंकड़ा 51 था। फैमिली कोर्ट में 2022 में 24,910 और 2023 में 27,194 केस दर्ज हुए। साल 2023 में रोजाना औसतन 75 केस दायर हुए। हाल में प्रदेश के फैमिली कोर्ट में 31,954 केस लंबित हैं।
साल 2023 में फैमिली कोर्ट में दर्ज 2लाख, 87 हजार केसों के साथ उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। 84,910 केसों के साथ केरल दूसरे और 68,711 केसाें के साथ पंजाब तीसरे स्थान पर है। साल 2023 में पश्चिम बंगाल में 657 केस दर्ज हुए। दूसरे राज्यों की तुलना में पश्चिम बंगाल के फैमिली कोर्ट में दर्ज केसाें की तुलना में सबसे कम है। वहीं, पूरे देश की बात करें तो साल 2021 में 812 फैमिली कोर्ट में 4लाख, 97 हजार, 2022 में 7 लाख, 27 हजार और 2023 में 8लाख, 25 हजार केस दर्ज हुए। साल 2023 की स्थिति के अनुसार देशभर में कुल 11लाख, 43 हजार केस लंबित हैं। कोरोना के बाद दांपत्य जीवन में कलह के मामले तेजी से बढ़े हैं। उच्च न्यायालय ने तलाक के बढ़ते केसों को लेकर चिंता जाहिर की थी। उच्च न्यायालय ने वकीलों को सलाह दी थी कि एक दांपत्य जीवन को टूटने से बचाना 100 केसों के जीतने के बराबर है। एक समय था जब 70% मामले पति-पत्नी के बीच दुर्व्यवहार के होते थे। अब पत्नी उत्पीड़न के मामले तेजी से बढ़ गए हैं।