नई दिल्ली। कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया है। विरोध में बयानबाजी करने के कारण उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। बताया जाता है कि प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में पीएम मोदी से मुलाकात करने के बाद उनकी जमकर तारीफ की थी। प्रमोद कृष्णम पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पर हमलावर थे, वह पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के कुछ नेता ऐसे हैं जिन्हें हिन्दू शब्द से नफरत है। कुछ नेताओं को तो भगवान राम से भी नफरत है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के खिलाफ बयानबाजी की थी। आचार्य कृष्णम का कहना था कि वह राहुल गांधी से मिलने के लिए पिछले 1 साल से समय मांग रहे हैं, पर अभी तक मुलाकात नहीं हो पाई। वहीं, पीएमओ में फोन करने के 4 दिन बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने मिने का समय दे दिया।
कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी 1965 को उत्तर प्रदेश के संभल के गांव एंचोड़ा कम्बोह में हुआ था। वह एक ब्राह्मण परिवार से हैं। प्रमोद कृष्णम की गिनती उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। वह दो बार कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके हैं। 2014 में संभल और दूसरी बार 2019 में लखनऊ से उम्मीदवार बने थे। राम मंदिर निर्माण के समर्थन में प्रमोद कृष्णम कांग्रेस में सबसे आगे रहे। राजनीति से ज्यादा इनके कल्कि पीठ की चर्चा होती है जो इन्होंने अपने गांव में बनाई है। इसका शिलान्यास 14 फरवरी 2024 को होने वाला हे। आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम के पीठाधीश्वर हैं। आचार्य ने कल्किधाम समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया है। इसके बाद से वह काफी चर्चा में हैं। आचार्य कृष्णम राम मंदिर के निर्माण को लेकर भाजपा की लगातार सराहना करते रहते हैं।