नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने अजीत गुट काे असली एनसीपी बताया है। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में भारी उथल-पुथल मच गई है। हालांकि शरद पवार ने अपनी दलीलें पेश की थी, पर कुछ फायदा नहीं हुआ। शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने पिछले साल पार्टी से बगावत कर दी थी। इसके बाद एनसीपी(नेशनल कांग्रेस पार्टी) दो खेमों में बंट गई थी। अजीत पवार ने एनसीपी को अपनी पार्टी बताया था। अजीत पवार अपने समर्थकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं। पार्टी को लेकर लंबे समय से चुनाव आयोग में कानूनी लड़ाई चल रही थी। चुनाव आयोग के फैसले से अजीत गुट को राहत तो शरद पवार को तगड़ा झटका लगा है। आयोग के फैसले के बाद एनसीपी और चुनाव चिन्ह अजीत गुट को मिला है। अब शरद पवार को बुधवार शाम तक पार्टी का नया नाम और चुनाव चिन्ह बताना होगा। दरअसल पार्टी के असली और नकली होने का फैसला विधायकों के संख्याबल के आधार पर होता है। जिसके पास ज्यादा विधायक होते हैं पार्टी उसी की मानी जाती है। उद्धव के हाथ से शिवसेना के जाने का भी यही कारण है। बुधवार को शाम तक शरद पवार पार्टी का नाम और निशान घोषित कर सकते हैं।